रासायनिक हथियार जब रासायनिक हमला या केमिकल अटैक होता है तो जहरीले तरल, ठोस या गैस के पदार्थों को जानबूझकर पर्यावरण में छोड़ा जाता हैरासायनिक हथियारों में ऐसे रसायनिक पदार्थों को मिलाया जाता है जैसे विषैली गैस ऑक्सिम, लेविसिट, सल्फर मस्टर्ड, नाइट्रोजन मस्टर्ड, सरीन, विषैली गैस क्लोराइड, हाइड्रोजन
साइनाइड, फॉस्जीन, डाई फॉस्जीन आदि.
जैविक हथियार
जैविक हथियारों के आक्रमण के लिये अत्याधुनिक एवं महँगे साधन की आवश्यकता नहीं होती है, इनके लिये छोटे-मोटे जानवरों, पक्षियों, हवा, पानी, मनुष्य आदि किसी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है
रासायनिक हथियार निषेध संगठन
(Organisation for the Prohibition of Chemical Weapons—OPCW)
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा समर्थित एक स्वतंत्र संस्था (संयुक्त राष्ट्र संघ से स्वतंत्र) है, यह सीडब्लूसी के प्रावधानों को क्रियान्वित करती है।
OPCW 29 अप्रैल, 1997 को अस्तित्व में आया तथा इसका मुख्यालय नीदरलैंड के हेग में स्थित है।
यह संस्था दुनिया भर में रासायनिक हथियारों को नष्ट करने और उनकी रोकथाम के लिये काम करती है। यह रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल, उत्पादन एवं भंडारण क निषेध करती है।
OPCW में 193 हस्ताक्षरकर्त्ता देश हैं, जो वैश्विक आबादी के 98% का प्रतिनिधित्व करते हैं। इज़रायल और , उत्तर कोरिया ने न तो रासायनिक हथियार अभिसमय पर हस्ताक्षर किये हैं और न ही इसको माना है।
14 जनवरी, 1993 को भारत सीडब्ल्यूसी के लिये एक मूल हस्ताक्षरकर्त्ता बना।

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